
वाह री तन्हाई ...
दुनिया ने तो मुझे ठुकराया हीं
तूने भी रूठ कर घूघंट तानी ...
घूंघट हटा और मुझमें देख
आंसूओं का कुहरा...
पसंद आये तो सहला थोड़ा
अपनी आहोश में ले ले
और बहका थोड़ा...
दुनिया ने तो मुझसे ..
कब का है मुँह मोड़ा
कब का है मुँह मोड़ा ...
आपका : प्रकाश
(मित्रों एक पाठक के अमूल्य सुझाव पर
"Wah ri tanhai" का परिवर्तित रूप
आपसे साझा कर रहा हूँ उम्मीद है आपको
पसंद आएगी )